
केजरीवाल अमेरिका शुल्क पर: 100% टैक्स लगाने को कहा
आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल ने अमेरिका की व्यापार नीतियों के खिलाफ आवाज़ उठाई है। उन्होंने कहा कि अगर अमेरिका भारतीय सामानों पर 50% टैक्स लगाता है, तो भारत को अमेरिकी सामानों पर 100% टैक्स लगाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी मजबूत रुख नहीं अपना रहे हैं। यह खबर सबसे पहले द टाइम्स ऑफ इंडिया ने दी थी। पूरा श्रेय मूल प्रकाशक को जाता है।
यह खबर इसलिए ज़रूरी है क्योंकि यह बताती है कि भारत दूसरे देशों से कैसे रिश्ते रखता है। यह हमारे देश के किसानों और व्यापारियों पर असर डालती है। श्री केजरीवाल का मानना है कि भारत को मजबूत होना चाहिए और दूसरे देशों के दबाव में नहीं आना चाहिए। यह भारत के सम्मान और अर्थव्यवस्था के बारे में एक ज़रूरी बात है। डिजिटल पत्रिका ऐसी ज़रूरी राजनीतिक खबरें लगातार फॉलो करता है।
यह समस्या क्यों है?
श्री केजरीवाल ने कपास के बारे में एक बड़ी बात कही। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने अमेरिका से आने वाली कपास पर लगने वाला टैक्स हटा दिया है। यह टैक्स 11% था। इस टैक्स को हटाने से अमेरिकी कपास सस्ती हो जाएगी। यह भारतीय किसानों के लिए अच्छा नहीं है।
उन्होंने कहा कि अब अमेरिकी कपास हमारे किसानों द्वारा उगाई गई कपास से बहुत सस्ती होगी। इसका मतलब है कि भारतीय किसान अपनी कपास आसानी से नहीं बेच पाएंगे। उन्होंने कहा कि यह फैसला किसानों के साथ धोखा है। व्यापार नीतियों पर और खबरों के लिए, आप बीबीसी समाचार देख सकते हैं।
अमेरिकी नीतियों पर कड़ा जवाब
श्री केजरीवाल ने कहा कि अमेरिकी सरकार ने भारतीय सामानों पर 50% टैक्स लगाया है। उन्होंने कहा कि भारत को भी अमेरिकी सामानों पर बड़ा टैक्स लगाना चाहिए था। उन्होंने पूछा, “क्या हम कमजोर देश हैं?” उन्होंने कहा कि भारत के पास 140 करोड़ लोगों का बाजार है। यह एक बहुत बड़ा बाजार है। कोई भी देश भारत को नाराज करने का जोखिम नहीं उठा सकता।
उन्होंने कहा कि दूसरे देशों ने भी अमेरिका के खिलाफ लड़ाई लड़ी। उन्होंने बताया कि चीन ने अमेरिकी सामानों पर 125% टैक्स लगाया। उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को “कायर” भी कहा। उन्होंने कहा कि ट्रम्प को उन देशों के सामने झुकना पड़ा जो उनके खिलाफ मजबूती से खड़े थे। डिजिटल पत्रिका के पास अंतर्राष्ट्रीय व्यापार वार्ता के इतिहास पर एक रिपोर्ट है।
सरकार का क्या कहना है
सरकारी सूत्रों ने कहा कि चिंता करने की कोई ज़रूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि वे भारतीय व्यापारियों की मदद के लिए दूसरे तरीके देख रहे हैं। वे अपने सामान बेचने के लिए दूसरे देशों से बात कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिकी टैक्स का असर बहुत बुरा नहीं होगा।
लेकिन श्री केजरीवाल ने कहा कि यह किसानों के लिए बहुत खराब फैसला है। उन्होंने कहा कि जब यह सस्ती अमेरिकी कपास आएगी, तो किसानों को कोई खरीदार नहीं मिलेगा। यह उन्हें आत्महत्या करने पर भी मजबूर कर सकता है। यह दिखाता है कि किसानों के लिए स्थिति कितनी गंभीर है, एक समस्या जिसे टाइम्स ऑफ इंडिया के लेखों में भी उजागर किया गया है।
कार्रवाई की मांग
श्री केजरीवाल ने मांग की कि सरकार को तुरंत अमेरिकी कपास पर 11% टैक्स वापस लगाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह हमारे किसानों की रक्षा करने का एक तरीका है। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी पार्टी इस फैसले के खिलाफ गुजरात में विरोध प्रदर्शन करेगी।
यह मुद्दा सिर्फ व्यापार के बारे में नहीं है। यह भारत के सम्मान के बारे में भी है। श्री केजरीवाल ने कहा कि अगर सरकार कड़ा रुख अपनाती है तो पूरा देश उसका साथ देगा। देश के लोग भारत के सम्मान के लिए अपने नेताओं के साथ खड़े हैं। ऐसे वैश्विक मुद्दों के बारे में अधिक जानकारी आप UN.org पर पा सकते हैं।
संक्षेप में, यह एक बड़ी राजनीतिक बहस है कि भारत को दूसरे देशों की व्यापार नीतियों पर कैसे प्रतिक्रिया देनी चाहिए। श्री केजरीवाल ने सरकार से मजबूत होने और भारतीय किसानों की रक्षा करने को कहा है। डिजिटल पत्रिका इस कहानी पर नजर रखेगा। हम देखेंगे कि सरकार इस मांग पर क्या जवाब देती है। आप व्यापार युद्धों के बारे में विकिपीडिया पर और जान सकते हैं।