
55 साल की महिला ने दिया 17वें बच्चे को जन्म: कोटा में हुई डिलीवरी
राजस्थान के कोटा शहर में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। यहां 55 साल की एक महिला ने अपने 17वें बच्चे को जन्म दिया है। यह डिलीवरी कोटा के एक सरकारी अस्पताल में हुई।
यह खबर सबसे पहले NDTV.com द्वारा प्रकाशित की गई थी। पूरा श्रेय मूल प्रकाशक को जाता है।
कैसे हुई यह डिलीवरी?
यह घटना कोटा के मातृ एवं शिशु अस्पताल (Mahila and Shishu Hospital) की है। महिला का नाम रुक्मणी देवी है और वह झालवाड़ जिले के एक गांव की रहने वाली हैं। यह उनकी 17वीं डिलीवरी थी, और डॉक्टरों के लिए भी यह एक मुश्किल केस था। डॉक्टरों की टीम ने पूरी सावधानी से यह डिलीवरी कराई, जिसके बाद महिला ने एक स्वस्थ लड़के को जन्म दिया।
अस्पताल के डॉक्टर ने बताया कि इतनी बड़ी उम्र में इतनी बार गर्भधारण करना और डिलीवरी कराना बहुत जोखिम भरा होता है। इससे कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। यह मामला हमें यह भी बताता है कि ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाओं और परिवार नियोजन के बारे में जागरूकता बढ़ाना कितना जरूरी है। भारत में ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं पर काम करना अभी बाकी है।
क्यों है यह मामला चर्चा का विषय?
भारत दुनिया का सबसे ज्यादा आबादी वाला देश बन गया है। इसलिए, जनसंख्या नियंत्रण देश के विकास के लिए बहुत अहम है। सरकार कई सालों से ‘हम दो हमारे दो’ जैसे नारे के जरिए लोगों को कम बच्चे पैदा करने के लिए मोटिवेट कर रही है। जनसंख्या वृद्धि पर काबू पाने के लिए सरकार कई योजनाएं भी चला रही है।
इसके बावजूद, ऐसे मामले बताते हैं कि अभी भी बहुत काम करना बाकी है। यह सिर्फ एक परिवार की बात नहीं है, यह एक बड़ी सामाजिक समस्या को दिखाती है। शिक्षा की कमी, धार्मिक और सामाजिक मान्यताएं, और स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच न होना भी इसके कुछ बड़े कारण हैं। Digital Patrika में हम पहले भी राजस्थान के स्वास्थ्य से जुड़ी खबरों पर लिख चुके हैं। हमारा मानना है कि ऐसे मामलों पर बात करना बहुत जरूरी है ताकि समाज में जागरूकता फैले।
आगे क्या है समाधान?
इस तरह के मामलों को रोकने के लिए सिर्फ कानून बनाना ही काफी नहीं है। लोगों को शिक्षित करना और उन्हें परिवार नियोजन के फायदे बताना बहुत जरूरी है। सरकार और NGOs को मिलकर इस पर काम करना होगा। खासकर, ग्रामीण और पिछड़े इलाकों में महिलाओं को शिक्षित करना।
जैसा कि UN की रिपोर्ट में बताया गया है, ग्रामीण क्षेत्रों में परिवार नियोजन की पहुंच बढ़ाना सबसे जरूरी है। यह न सिर्फ महिलाओं की सेहत के लिए अच्छा है बल्कि पूरे परिवार और समाज के लिए भी फायदेमंद है। भारत में जनसंख्या नियंत्रण के लिए सरकार को कई तरह से काम करना होगा। Digital Patrika हमेशा ऐसी सामाजिक खबरों को प्रमुखता से दिखाता है।