
राजस्थान बीजेपी गुटबाजी: विधानसभा में क्यों हुआ हंगामा?
राजस्थान विधानसभा में 1 सितंबर 2025 को हंगामा हुआ। यह हंगामा राजस्थान बीजेपी गुटबाजी के कारण हुआ। मानसून सत्र के पहले दिन ही विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच जमकर नारे लगे। कांग्रेस के विधायकों ने विरोध प्रदर्शन किया। इसके जवाब में बीजेपी के विधायकों ने भी नारे लगाए। यह टकराव बताता है कि पार्टी के अंदर सब ठीक नहीं है।
यह खबर सबसे पहले NDTV और Patrika News द्वारा प्रकाशित की गई थी। पूरा श्रेय मूल प्रकाशक को जाता है।
विधानसभा में नेताओं के बीच हुआ टकराव
यह खबर इसलिए ज़रूरी है क्योंकि यह राजनीति को दिखाती है। जब नेता आपस में लड़ते हैं, तो जनता के काम रुक जाते हैं। विधानसभा में नेताओं को लोगों की समस्याओं पर बात करनी चाहिए। लेकिन हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही रोकनी पड़ी। इस तरह के टकराव से जनता का विश्वास कम होता है। Digital Patrika हमेशा सच सामने लाती है।
विवरण
विधानसभा के बाहर कांग्रेस विधायकों ने विरोध किया। उन्होंने हाथों में तख्तियां ली हुई थीं जिन पर “वोट चोर” लिखा था। उन्होंने “वोट चोरों सावधान” जैसे नारे लगाए। यह सब तब हुआ जब सदन की कार्यवाही शुरू होने वाली थी। कांग्रेस ने एक दिन पहले सर्वदलीय बैठक का बहिष्कार भी किया था।
पृष्ठभूमि
बीजेपी के नेता भी पीछे नहीं रहे। उन्होंने कांग्रेस विधायकों के खिलाफ नारे लगाए। जवाब में, उन्होंने “गालीबाज राहुल गांधी” जैसे नारे लगाए। विधानसभा के स्पीकर ने दोनों पक्षों से शांत रहने को कहा। उन्होंने कहा कि सदन की मर्यादा बनाए रखें। लेकिन दोनों पक्षों के नेता नहीं माने। इससे पता चलता है कि दोनों पार्टियों के अंदर कुछ ठीक नहीं है। आप भारत में पार्टियों के बारे में विकिपीडिया पर पढ़ सकते हैं।
सीएम भजनलाल ने कहा था कि सभी विधायक जनता के मुद्दों को उठाएं। उन्होंने यह बात बीजेपी विधायक दल की बैठक में कही थी। यह बैठक विधानसभा सत्र से पहले हुई थी। सीएम ने कहा कि जनता ने उन पर भरोसा किया है। इसलिए, उन्हें जनता की उम्मीदों पर खरा उतरना चाहिए। यह सलाह भी काम नहीं आई। सदन में हंगामा हुआ। Digital Patrika मानती है कि नेताओं को लोगों के लिए काम करना चाहिए। उन्हें अपनी लड़ाइयां छोड़कर जनता के मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए। आप दुनिया भर की सरकारों के बारे में UN.org पर पढ़ सकते हैं।
आगे क्या
हंगामा इतना बढ़ गया कि स्पीकर ने सदन की कार्यवाही को रोक दिया। यह 3 सितंबर तक के लिए स्थगित कर दी गई। यह बहुत खराब बात है। क्योंकि विधायक जनता की आवाज होते हैं। जब वे सदन में बात नहीं कर पाते, तो जनता की समस्याएं भी नहीं उठ पातीं। यह लोकतंत्र के लिए एक अच्छी बात नहीं है। आप दुनिया की खबरों के बारे में BBC News और Reuters पर भी पढ़ना चाहिए।
निष्कर्ष में, राजस्थान विधानसभा में हुआ हंगामा **राजस्थान बीजेपी गुटबाजी** का नतीजा था। नेताओं ने जनता के मुद्दों को छोड़कर नारेबाजी की। इससे सदन की कार्यवाही रुक गई। यह बताता है कि पार्टियों को अपने अंदर की लड़ाई को खत्म करना चाहिए। उन्हें मिलकर जनता के लिए काम करना चाहिए। यह लोकतंत्र के लिए अच्छा होगा। इस विषय पर और पढ़ें: संबंधित लेख (Digital Patrika).