
राजस्थान SI भर्ती रद्द: जानें हाई कोर्ट का बड़ा फैसला
राजस्थान में सब-इंस्पेक्टर (SI) भर्ती 2021 की परीक्षा को हाई कोर्ट ने रद्द कर दिया है। यह फैसला लाखों छात्रों के लिए एक बड़ा झटका है, जो सालों से इस भर्ती का इंतजार कर रहे थे। इस भर्ती परीक्षा में धांधली और पेपर लीक के आरोप थे, जिसके बाद यह मामला कोर्ट में पहुंचा था।
यह खबर सबसे पहले Jagran.com द्वारा प्रकाशित की गई थी। पूरा श्रेय मूल प्रकाशक को जाता है।
क्यों लिया गया यह फैसला?
कोर्ट ने यह फैसला पेपर लीक और नकल से जुड़े गंभीर आरोपों के बाद लिया। परीक्षा में हुई गड़बड़ियों के कारण भर्ती प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल उठ रहे थे। हाई कोर्ट ने इन आरोपों को सही माना और पूरी परीक्षा को रद्द कर दिया।
इस भर्ती की मुख्य परीक्षा 2021 में हुई थी, जिसका परिणाम 2022 में आया। इसके बाद, कई उम्मीदवारों ने कोर्ट में याचिका लगाई थी। उनका आरोप था कि पेपर लीक हुआ है और कई स्टूडेंट्स ने अनुचित साधनों का उपयोग करके परीक्षा पास की। कोर्ट ने इन सबूतों को देखा और यह फैसला सुनाया।
यह फैसला इसलिए भी अहम है क्योंकि अब आगे की भर्ती प्रक्रिया पर रोक लग जाएगी। लाखों उम्मीदवार, जिन्होंने कड़ी मेहनत की थी, अब निराश हैं। सरकार और RPSC (राजस्थान लोक सेवा आयोग) को अब इस पर आगे की कार्रवाई करनी होगी। इस फैसले से भविष्य की भर्तियों के लिए भी एक संदेश गया है कि धांधली बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
क्या हुआ था SI भर्ती परीक्षा में?
एसआई भर्ती 2021 की परीक्षा में कुल 859 पद थे। इसके लिए लाखों उम्मीदवारों ने आवेदन किया था। लिखित परीक्षा के बाद, फिजिकल टेस्ट और इंटरव्यू भी हुआ था। लेकिन, शुरुआत से ही इसमें गड़बड़ियों की खबरें आने लगी थीं।
- मीडिया रिपोर्ट्स और जांच एजेंसियों की रिपोर्ट्स में यह खुलासा हुआ कि कुछ लोगों ने पेपर लीक करवाया था। ये लोग पैसों के बदले उम्मीदवारों को पेपर बेच रहे थे। ऐसे मामले पूरे देश में बढ़े हैं, जैसा कि कुछ साल पहले यूपी पुलिस भर्ती में देखा गया था।
- पेपर लीक से मेधावी छात्र पीछे रह जाते हैं और गलत लोग आगे निकल जाते हैं।
कोर्ट का रुख और आगे का रास्ता
हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि जब परीक्षा की निष्पक्षता पर सवाल उठ रहे हों, तो उसे रद्द करना ही सही कदम है। कोर्ट ने जांच एजेंसियों को भी इस मामले में गहन जांच जारी रखने का निर्देश दिया है। इस फैसले से उन उम्मीदवारों को निराशा हुई है, जिनका चयन हो गया था।
अब उम्मीद है कि जल्द ही सरकार इस पर कोई नया आदेश जारी करेगी। यह भी हो सकता है कि फिर से परीक्षा करवाई जाए। लेकिन, इस प्रक्रिया में काफी समय लग सकता है। हमारे पुराने लेख में हमने बताया था कि कैसे राजस्थान पुलिस भर्तियों में पारदर्शिता जरूरी है। यह फैसला उस बात को सही साबित करता है। Digital Patrika हमेशा छात्रों के हितों को ध्यान में रखकर खबरें प्रकाशित करता है।
आगे क्या होगा?
इस फैसले के बाद, उम्मीदवारों को अब अगले कदम का इंतजार है। सरकार और RPSC इस पर क्या एक्शन लेते हैं, यह देखना बाकी है। यह भी हो सकता है कि कुछ उम्मीदवार इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील करें। लेकिन, जब तक कोई नया फैसला नहीं आता, तब तक यह भर्ती प्रक्रिया रद्द ही मानी जाएगी।
राजस्थान में भर्ती परीक्षाओं में धांधली को रोकने के लिए सरकार ने कठोर कानून भी बनाया है, लेकिन इसका असर अभी पूरी तरह से दिखा नहीं है। इस तरह के मामलों को रोकना देश के युवाओं के भविष्य के लिए बहुत ज़रूरी है।