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AI एजेंट ऐसे कंप्यूटर प्रोग्राम होते हैं जो खुद से काम कर सकते हैं। उन्हें बस एक लक्ष्य बताएं, और वे उसे पूरा करने के लिए ज़रूरी कदम खुद ही उठाएंगे। अभी हम जिन AI टूल का इस्तेमाल करते हैं, वे सिर्फ़ हमारे कहने पर काम करते हैं। लेकिन AI एजेंट अपने आप योजना बना सकते हैं और कई काम एक साथ कर सकते हैं, ठीक वैसे ही जैसे इंसान करते हैं।
अब AI एजेंटों को सिर्फ़ बड़े-बड़े उद्योगों में ही नहीं, बल्कि हर तरह के काम में इस्तेमाल किया जा रहा है। जैसे, डॉक्टर इनका इस्तेमाल मरीज़ों की पुरानी जानकारी को जल्दी से समझने के लिए करते हैं। वकील इनका उपयोग बड़े-बड़े कागज़ात को बहुत कम समय में पढ़ने के लिए करते हैं। यह AI की एक नई शुरुआत है जो हमारे काम को आसान और तेज़ बना सकती है।
एक रिपोर्ट के अनुसार, साल 2026 तक बहुत सी कंपनियों में ऐसे AI एजेंट इस्तेमाल किए जाएंगे। एक अनुमान के मुताबिक, 90% से ज़्यादा भारतीय कंपनियाँ भी इन्हें अपना सकती हैं। इसका मतलब है कि भारत में भी लोग बहुत जल्दी AI के साथ काम करना सीख लेंगे। यह बात Digital Patrika में भी एक बार कवर हो चुकी है, अगर आपको अधिक जानकारी चाहिए तो आप पुराने आर्टिकल देख सकते हैं।
कंपनियाँ AI एजेंटों का इस्तेमाल इसलिए कर रही हैं, क्योंकि ये काम को बहुत तेज़ और सही तरीके से करते हैं। एक उदाहरण है थॉमसन रॉयटर्स (Thomson Reuters) का, जिन्होंने एक ऐसा AI एजेंट बनाया है जो वकीलों के काम में मदद करता है। यह टूल कानूनी कागज़ात को जल्दी से पढ़ता है और ज़रूरी जानकारी निकालता है।
एक और उदाहरण है एक AI एजेंट जो HR [मानव संसाधन] विभाग में काम करता है। यह एजेंट नए कर्मचारियों की भर्ती से जुड़े कई काम खुद से कर सकता है। यह लोगों के रिज्यूमे (biodata) को पढ़ सकता है और शुरुआती जानकारी को इकट्ठा कर सकता है। ऐसे एजेंटों के आने से इंसानों को बार-बार दोहराए जाने वाले काम नहीं करने पड़ेंगे।
साल 2026 तक, हमारे काम करने की जगह में AI एजेंटों का आना एक बहुत बड़ा बदलाव लाएगा। एक रिपोर्ट के अनुसार, 40% से ज़्यादा बड़ी कंपनियाँ अपने ऐप में AI एजेंटों को जोड़ेंगी। इसका मतलब है कि AI सिर्फ़ एक मदद करने वाला टूल नहीं रहेगा, बल्कि एक डिजिटल साथी बन जाएगा जो हमारे साथ मिलकर काम करेगा।
AI एजेंटों की मदद से हम अपने काम में ज़्यादा रचनात्मक (creative) और महत्वपूर्ण कामों पर ध्यान दे पाएंगे। एक और अच्छा उदाहरण एक सफाई करने वाला रोबोट है जो एक AI एजेंट की तरह काम करता है। यह रोबोट अपने आसपास की चीजों को महसूस करता है, सफाई की योजना बनाता है और उसके अनुसार चलता है ।
आने वाले समय में, कुछ ऐसे काम जो दोहराए जाने वाले होते हैं, वे AI की मदद से पूरे होंगे। जैसे, ग्राहक सेवा में कई बार आने वाले सवालों के जवाब AI एजेंट दे पाएंगे। इससे इंसानों को सिर्फ़ मुश्किल मामलों को ही संभालना होगा। यह एक तरह से काम को और भी बेहतर बनाने का तरीका है। एक अन्य उदाहरण के लिए, आप रायटर्स की इस खबर को देख सकते हैं ।
यह बदलाव धीरे-धीरे ही आएगा। हमें यह भी समझना होगा कि कौन से काम AI नहीं कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, नर्सिंग जैसे काम जिसमें बहुत ज़्यादा इंसानियत और भावनाएं चाहिए होती हैं, उसे AI नहीं कर सकता। यह बात टाइम्स ऑफ़ इंडिया में भी कही गई थी
भविष्य में, हमें AI के साथ काम करना सीखना होगा। इसका मतलब है कि हमें नई-नई चीज़ें सीखनी होंगी और अपने कौशल (skills) को बढ़ाना होगा। AI को समझना और उसके साथ काम करना ही हमें आगे बढ़ने में मदद करेगा। यह एक नया दौर है जहाँ इंसान और AI मिलकर बहुत कुछ कर सकते हैं। इस बारे में अधिक जानकारी आप Wikipedia से भी ले सकते हैं ।
AI एजेंटों का आना कोई डराने वाली बात नहीं है, बल्कि यह एक मौका है। यह हमें ज़्यादा महत्वपूर्ण और सोच-विचार वाले काम करने का मौका देगा। जब AI हमारे छोटे-छोटे काम कर देगा, तो हम अपने दिमाग का इस्तेमाल बड़ी और अच्छी चीज़ें सोचने में कर पाएंगे। यह एक नई शुरुआत है जो काम को और बेहतर और रोमांचक बना सकती है।
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