
‘मेक इन इंडिया’ को मिला बड़ा impulso, सैमसंग ने अपनी नोएडा इकाई में लैपटॉप का निर्माण शुरू किया
भारत सरकार के ‘मेक इन इंडिया’ दृष्टिकोण को महत्वपूर्ण रूप से मजबूत करने वाले एक ऐतिहासिक कदम में, सैमसंग ने आधिकारिक तौर पर भारत में लैपटॉप निर्माण शुरू कर दिया है। दक्षिण कोरियाई प्रौद्योगिकी दिग्गज अब अपनी अत्याधुनिक सैमसंग नोएडा फैक्ट्री में लोकप्रिय गैलेक्सी बुक श्रृंखला सहित अपने अत्याधुनिक लैपटॉप का उत्पादन कर रही है। यह विकास भारत की वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण केंद्र बनने की महत्वाकांक्षा के लिए एक बड़ी जीत है और प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजना जैसी नीतियों की सफलता का प्रमाण है।
भारत का विनिर्माण सपना
वर्षों तक, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए एक प्रमुख उपभोग बाजार रहा है, लेकिन एक प्राथमिक विनिर्माण बाजार नहीं। इसे बदलने के लिए, सरकार ने महत्वाकांक्षी मेक इन इंडिया पहल शुरू की। इसका एक प्रमुख घटक पीएलआई योजना आईटी हार्डवेयर है, जिसे कंपनियों को देश के भीतर अपने विनिर्माण कार्यों को स्थापित करने या विस्तारित करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह योजना, जिसकी जानकारी इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ([suspicious link removed]) द्वारा दी गई है, स्थानीय रूप से निर्मित वस्तुओं की बिक्री पर वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान करती है, जिसका उद्देश्य रोजगार पैदा करना, एक घरेलू आपूर्ति श्रृंखला बनाना और आयात पर निर्भरता कम करना है।
सैमसंग का यह कदम एप्पल जैसे अन्य वैश्विक दिग्गजों के नक्शेकदम पर है, जिन्होंने भारत में अपने आईफोन उत्पादन में भी उल्लेखनीय वृद्धि की है, एक प्रवृत्ति जिसे BBC Hindi जैसे मीडिया आउटलेट्स ने कवर किया है।
सैमसंग का नोएडा प्लांट: फोन से लैपटॉप तक
सैमसंग नोएडा फैक्ट्री पहले से ही एक विशालकाय इकाई है। दुनिया की सबसे बड़ी मोबाइल फैक्ट्री के रूप में उद्घाटन किया गया, इसने भारत को विश्व स्तर पर दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल फोन निर्माता बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। लैपटॉप निर्माण में विस्तार एक तार्किक और शक्तिशाली अगला कदम है।
एक रणनीतिक विस्तार
अपनी नोएडा उत्पादन लाइन में लैपटॉप जोड़कर, सैमसंग न केवल अपने उत्पाद पोर्टफोलियो का विस्तार कर रहा है, बल्कि भारतीय बाजार के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को भी गहरा कर रहा है। यह कदम कंपनी को अपनी आपूर्ति श्रृंखला पर बेहतर नियंत्रण रखने, लॉजिस्टिक्स लागत को कम करने और संभावित रूप से अपने उत्पादों को मूल्य-संवेदनशील भारतीय बाजार में अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने की अनुमति देता है। यह उनके लोकप्रिय सैमसंग गैलेक्सी बुक लाइनअप के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
विशेषज्ञ की राय: पारिस्थितिकी तंत्र पर प्रभाव
इस निर्णय का प्रभाव सैमसंग से कहीं आगे तक फैला हुआ है। तकनीक उद्योग की विश्लेषक प्रिया सिंह कहती हैं, “सैमसंग के मेड इन इंडिया लैपटॉप बनाने के फैसले का एक महत्वपूर्ण प्रभाव होगा। यह प्रतिस्पर्धियों को इसी तरह के कदम उठाने के लिए प्रेरित करेगा और सहायक उद्योगों – कंपोनेंट निर्माताओं, पैकेजिंग इकाइयों – को पास में स्थापित करने के लिए आकर्षित करेगा। इसी तरह एक मजबूत भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण केंद्र का निर्माण होता है।”
भारतीय उपभोक्ताओं और अर्थव्यवस्था के लिए इसका क्या मतलब है
- रोजगार सृजन: इस विस्तार से नोएडा में नौकरियां और विनिर्माण क्षेत्र में अधिक कुशल रोजगार पैदा होंगे।
- कौशल विकास: कार्यबल को उन्नत इलेक्ट्रॉनिक्स की उच्च तकनीक असेंबली में प्रशिक्षित किया जाएगा, जिससे स्थानीय कौशल पूल में वृद्धि होगी।
- कम कीमतों की संभावना: स्थानीय विनिर्माण अंततः आयात शुल्क और लॉजिस्टिक्स ओवरहेड्स को कम करके भारतीय उपभोक्ताओं के लिए अधिक प्रतिस्पर्धी मूल्य वाले लैपटॉप का कारण बन सकता है।
- निर्यात को बढ़ावा: लंबे समय में, भारत अन्य क्षेत्रों में सैमसंग लैपटॉप के लिए एक निर्यात केंद्र बन सकता है, जिससे आत्मनिर्भर भारत अभियान को बल मिलेगा।
निष्कर्ष और CTA
सैमसंग मेक इन इंडिया की कहानी लैपटॉप निर्माण की शुरुआत के साथ एक महत्वपूर्ण छलांग लगाती है। यह एक स्पष्ट संकेतक है कि भारत की नीतिगत पहल फल दे रही हैं, जो विनिर्माण क्षेत्र में भारत में विदेशी निवेश को आकर्षित कर रही हैं। सैमसंग का यह कदम न केवल अपनी बाजार स्थिति को मजबूत करता है, बल्कि इलेक्ट्रॉनिक्स में आत्मनिर्भर बनने की भारत की यात्रा का एक शक्तिशाली समर्थन भी प्रदान करता है।
इस विकास पर आपके क्या विचार हैं? आप भारत में और कौन से तकनीकी उत्पादों का निर्माण होते देखना चाहेंगे? नीचे टिप्पणी में अपने विचार साझा करें!