नेपाल प्रदर्शन: जानिए क्यों जल रहा है काठमांडू?
नेपाल प्रदर्शन इन दिनों दुनिया की सुर्खियों में है। देश की राजधानी काठमांडू में हजारों युवा सड़कों पर उतर आए हैं। ये ज्यादातर छात्र और युवा हैं, जिन्हें ‘जनरेशन ज़ेड’ या Gen Z कहा जाता है।
यह लेख आपको बताएगा कि आखिर यह विरोध प्रदर्शन क्यों शुरू हुआ, युवाओं की मांगें क्या हैं, और इसका नेपाल पर क्या असर पड़ रहा है। हम तथ्यों के आधार पर सबकुछ बहुत सरल भाषा में समझाएंगे।
नेपाल में विरोध प्रदर्शन का मुख्य कारण क्या है?
नेपाल में हो रहे काठमांडू विरोध का मुख्य कारण है एक नया ‘देश निकाला कानून’ (बहिष्करण कानून)। सरकार ने एक नया बिल बनाया है।
इसके तहत, अगर कोई विदेशी नागरिक नेपाली महिला से शादी करता है, तो उसे नेपाल की नागरिकता मिल सकती है। लेकिन अगर कोई नेपाली पुरुष किसी विदेशी महिला से शादी करता है, तो उसकी पत्नी को तुरंत नागरिकता नहीं मिलेगी।
युवाओं का मानना है कि यह कानून महिलाओं के साथ भेदभाव करता है और संविधान के खिलाफ है। यही इस नेपाल युवा आंदोलन की शुरुआत है।
प्रदर्शन का नेपाल की जनता और सरकार पर प्रभाव
इस नेपाल छात्र प्रदर्शन का देश पर गहरा असर पड़ रहा है।
जनता के लिए: काठमांडू शहर में जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। बड़े-बड़े रास्ते बंद हैं। स्कूल और कॉलेजों पर असर पड़ा है। लोगों की दैनिक दिनचर्या बाधित हुई है। हालाँकि, कई लोग युवाओं की मांगों का समर्थन भी कर रहे हैं।
सरकार के लिए: यह सरकार के लिए एक बहुत बड़ी चुनौती बन गई है। प्रधानमंत्री पुष्प कमाल दहल ‘प्रचंड’ की सरकार पर दबाव बढ़ गया है। सरकार को युवाओं की बात माननी पड़ सकती है या फिर उन्हें शांत करना होगा।
नेपाल की राजनीति में युवाओं का यह जागरण एक नए बदलाव की शुरुआत भी हो सकती है। नेपाल में हुए पिछले प्रमुख आंदोलनों ने देश का इतिहास बदल दिया था।
नेपाल नागरिकता कानून और पृष्ठभूमि
इस समस्या को समझने के लिए नेपाल के नागरिकता कानून का इतिहास जानना जरूरी है।
नेपाल का वर्तमान संविधान साल 2015 में बना था। इसी संविधान में नागरिकता से जुड़े नियम तय किए गए थे। उस समय से ही यह मुद्दा विवादों में रहा है।
नया बिल इसी संविधान में बदलाव करना चाहता है। विरोध करने वाले युवा और नेपाल विपक्षी दल कहते हैं कि यह बिल लैंगिक समानता के खिलाफ है। यह महिलाओं और पुरुषों के साथ अलग-अलग व्यवहार करता है।
सरकार का पक्ष है कि यह बिल देश की सुरक्षा के लिए जरूरी है। ताकि कोई विदेशी व्यक्ति झूठी शादी करके नेपाल की नागरिकता न हासिल कर सके।
प्रदर्शन कैसे हुआ शुरू? एक टाइमलाइन
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जुलाई 2024: नेपाल की संसद में नागरिकता संशोधन बिल पेश हुआ। 
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जुलाई के अंत: कुछ छात्र समूहों और Aktivists ने इसका विरोध शुरू किया। 
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अगस्त की शुरुआत: विरोध प्रदर्शन बड़ा होने लगा। हज़ारों की संख्या में युवा सड़कों पर उतर आए। 
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वर्तमान समय: प्रदर्शन जारी है। युवा सरकार से अपनी मांगें मनवाने के लिए डटे हुए हैं। 
आपके सवाल, हमारे जवाब (FAQ)
सवाल: नेपाल में Gen Z प्रदर्शनकारी क्या चाहते हैं?
जवाब: वे चाहते हैं कि सरकार महिलाओं के खिलाफ भेदभाव वाला नागरिकता कानून वापस ले। उनकी मांग है कि पुरुष और महिला, दोनों के विदेशी पति/पत्नी को नागरिकता पाने के समान अधिकार मिलने चाहिए।
सवाल: क्या यह प्रदर्शन केवल नागरिकता कानून के बारे में है?
जवाब: मुख्य वजह तो यही है, लेकिन कई युवा इसके जरिए भ्रष्टाचार, बेरोजगारी और सरकार के काम करने के तरीके के खिलाफ भी अपनी नाराजगी जता रहे हैं।
सवाल: क्या नेपाल सरकार ने प्रदर्शनकारियों की बात मान ली है?
जवाब: अभी तक सरकार ने कोई बड़ा फैसला नहीं सुनाया है। सरकार ने बातचीत की पेशकश की है, लेकिन कई प्रदर्शनकारी बिना कानून वापस लिए बातचीत से मना कर रहे हैं।
निष्कर्ष
नेपाल का युवा आंदोलन दिखाता है कि देश की नई पीढ़ी जागरूक है और अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाने से नहीं हिचकती है। यह प्रदर्शन नेपाल की लोकतांत्रिक प्रक्रिया का एक हिस्सा है, जहाँ जनता अपनी बात सरकार तक पहुँचा रही है। अब यह सरकार पर निर्भर करता है कि वह युवाओं की मांगों को कितनी गंभीरता से लेती है और इस समस्या का हल कैसे निकालती है।

 
         
         
         
         
         
        